जब भरतजी रामचंद्रजी को लौटाने के लिए वन में जा रहे थे , तो सेना और अयोध्यावासी भी उनके साथ थे , क्योंकि सभी श्रीरामजी के दर्शन करना चाहते थे। जब निषादराज ने भरतजी को सेना सहित आते देखा , तो उन्होंने सोचा कि भरतजी के मन में… Read more
जब भरतजी रामचंद्रजी को लौटाने के लिए वन में जा रहे थे , तो सेना और अयोध्यावासी भी उनके साथ थे , क्योंकि सभी श्रीरामजी के दर्शन करना चाहते थे। जब निषादराज ने भरतजी को सेना सहित आते देखा , तो उन्होंने सोचा कि भरतजी के मन में… Read more
मानस में परशुरामजी के अपनी माँ को मारने का प्रसंग आया है , जो इस प्रकार है। एक बार परशुरामजी की माँ रेणुका पानी लेने नदी पर गईं और वहाँ एक सुंदर गंधर्व को तैरते देखकर उस पर मोहित हो गईं। वे भूल गईं कि उनके पति जमदग्नि … Read more
जब रामचंद्रजी चित्रकूट पहुंचे , तो उनका मन वहाँ रम गया। यह देखकर देवता अपने मुख्य भवननिर्माता विश्वकर्माजी को लेकर वहाँ पहुँच गए। सभी देवताओं ने कोल - भीलों के वेष में आकर दिव्य पत्तों तथा घास के सुंदर घर बना दिए। उन्होंने … Read more
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