पढ़ाई में नहीं लगता आपका मन ? तो ये तरीके जरुर अपनाएं

पढ़ाई में नहीं लगता आपका मन ? तो ये तरीके जरुर अपनाएं

पढ़ाई में नहीं लगता आपका मन ? तो ये तरीके  जरुर अपनाएं


अक्सर आपने देखा होगा बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता। ऐसे में माता-पिता गुस्सा ना होकर बच्चों का मन पढ़ाई में निम्न तरीकों से लगवा सकते हैं।

बच्चों का मन चंचल होता है। ऐसे में पढ़ाई में उनका मन ना लगना एक आम बात है। लेकिन इसके पीछे कुछ और भी कारण हो सकते हैं। जैसे बच्चों के दिमाग में किसी प्रकार की कमी, लर्निंग पावर का कमजोर, भावनात्मक समस्याएं, घर के माहौल का ठीक ना होना, एंग्जायटी, डिप्रैशन, दिमाग में थकावट, नींद पूरी न होना आदि। ऐसे में माता-पिता का परेशान होना स्वभाविक है।

अगर आप अपने बच्चे के पढ़ाई में कमजोर होने की समस्या से परेशान हैं तो आज का हमारा ये लेख आपके लिए ही है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप बच्चों का मन पढ़ाई में कैसे लगा सकते हैं। 

1 - संतुलित आहार

बच्चों की डाइट में बदलाव करके आप बच्चों का ध्यान पढ़ाई में लगवा सकते हैं। बता दें कि कभी-कभी बच्चों का पढ़ाई में ना ध्यान बच्चों में मानसिक विकास की कमी के कारण हो सकता है। ऐसे में उनकी डाइट में कुछ ऐसी चीजों को जोड़ें, जिससे उनका मानसिक विकास हो सके। इसके लिए आप डायटिशियन की भी मदद ले सकते हैं।

2 - बच्चे के तनाव को करें दूर

बच्चों के जीवन में पढ़ाई को लेकर, दोस्तों को लेकर या खेलकूद आदि को लेकर तनाव हो सकता है। हालांकि हमारे लिए ये तनाव बहुत छोटा है लेकिन बच्चों के लिए इन्हीं में उनका पूरा जीवन होता है। ऐसे में बच्चों के तनाव को समझें। साथ ही उनका ध्यान दूसरी तरफ लगाएं।

3 - सुधारने के लिए मारपीट का सहारा ना लें

अगर बच्चा कोई गलत काम कर रहा है या उससे कोई गलती हो गई है तो उसे डांटने की वजह, मारने के बजाय उसे समझाएं और उस काम को करने का सही तरीका बताएं। अगर आप बच्चे की गलती पर मारपीट करेंगे तो बच्चे सीखने की बजाय डरेगा और खुद को छोटा महसूस करेगा।

4 - बच्चे की करें सराहना

बच्चों की सराहना करना बहुत जरूरी है। ऐसा करने से ना केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि वह और ऐसा काम करेंगे, जिससे उन्हें इस प्रकार की सराहना मिलती रहे। माता पिता का फर्ज है कि छोटी-छोटी चीजों पर बच्चों की तारीफ करें और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। ऐसा करने से उनका ध्यान पढ़ाई की तरफ लगेगा।

5 - बच्चे की नींद का पूरा होना जरूरी

दिमाग में कमी आना, दिमाग का कमजोर हो जाना या बच्चों का चिड़चिड़ापन और थकावट कभी कभी नींद ना पूरी होने के कारण भी हो सकती है। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वह बच्चे को कम से कम 8 से 10 घंटे की नींद लेने दें। ऐसा करने से ना केवल बच्चों का पढ़ाई में मन लगेगा बल्कि वे खुद को ऊर्जावान भी महसूस करेंगे। बच्चों को मानसिक विकास के लिए पूरी नींद लेना जरूरी है

6 - बच्चों पर ना थोपे पर अपने विचार

कुछ माता-पिता की आदत होती है कि वे अपने सपनों को अपने बच्चों पर थोप देते हैं। उन्हें लगता है कि जो काम वह नहीं कर पाए उसे पूरा उनके बच्चे करेंगे। वहीं बच्चों की कुछ और ही इच्छाएं होती हैं। ऐसे में माता-पिता को समझना चाहिए कि वह अपने सपनों को बच्चों पर थोपें और उनके विचारों को समझने की कोशिश करें।

7 - बच्चे की असफलता को बदले सफलता में

अक्सर बच्चे असफलता पाकर अपने आप को छोटा महसूस करते हैं और उनका आत्मविश्वास भी कमजोर होने लगता है ऐसे में बच्चों को प्रोत्साहित करना जरूरी है। बच्चों को बताएं कि हारने का मतलब रुकना नहीं बल्कि आगे बढ़ना है। साथ ही आप अपने साथ हुए किसी हार के अनुभव को भी शेयर कर सकते हैं।

8 - बच्चों से करें बातचीत

बच्चों के साथ बातचीत करना भी जरूरी है। कभी-कभी बच्चे अपने साथ हो रही गलत चीजों को दूसरे के साथ शेयर नहीं कर पाते और तनाव का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में आप बच्चों से उनके स्कूल की, ट्यूशन की या दोस्तों के बारे में बातें करें और बच्चे के व्यवहार को भी समझने की कोशिश करें।

9 - भावनात्मक सपोर्ट देना जरूरी

बच्चों को भावनात्मक सपोर्ट देना भी बेहद जरूरी होता है। अगर बच्चा काम परफॉर्मेंस देता है या किसी चीज में पीछे रह जाता है तो उसे डांटने की बजाय उसका सहारा बनें और उससे मोटिवेट करें। ऐसा करने से ना केवल मैं आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होगा बल्कि उसका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। उसका मन पढ़ाई में भी लगेगा।

10 - होमवर्क में बच्चों की मदद करें

अगर बच्चा होमवर्क कर रहा है तो मां-बाप उसकी बीच-बीच में उसकी मदद करें। इससे संबंधित एक रिसर्च भी सामने आई है जो यह बताती है कि अगर माता-पिता अपने बच्चे की स्टडी में सहायता करते हैं तो बच्चे जल्दी सीखते हैं। उन्हें जल्दी याद होता है। साथ ही इसका पूरा प्रभाव उनकी परफॉर्मेंस पर भी पड़ता है। 

11 - टाइम टेबल बनाएं

आप अपने बच्चे का टाइम टेबल बनाएं और अपने बच्चे को उस टाइम टेबल को फॉलो करने के लिए प्रेरित करें। उस टाइम टेबल में आप पढ़ाई के समय के साथ-साथ व्यायाम का समय, खाने पीने का समय, पानी पीने का समय, खेलने कूदने का समय और सोने का समय निर्धारित करें। ऐसे में बच्चा टाइम टेबल के अनुसार अपने दिनचर्या को पूर्ण करेगा।

नोट - बच्चों का मन पढ़ाई में लगाने के लिए माता-पिता अगर थोड़ा साथ दें और कुछ तरीके अपनाएं तो वे सफलता हासिल कर सकते हैं।



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